प्रेगनेंसी जहां महिला को एक नया अनुभव दिलाता है, वही इस दौरान महिला को कई प्रकार की जटिलताओं का सामना भी करना पड़ता है, जिससे की महिला को थोड़ी परेशानी भी हो सकती है, और ऐसा भी जरुरी नहीं है की हर महिला को एक ही तरह की दिक्कत हो, यह हर महिला के हॉर्मोन्स पर निर्भर करता है, जैसे की कई महिलाओ को तीन महीने तक तो कई महिलाओ को पूरे नौ महीने उलटी की समस्या रहती है, कई महिलाओ को इस दौरान ब्लीडिंग की भी परेशानी का अनुभव करना पड़ता है, तो कई महिलाएं पेट के दर्द से भी परेशान रहती है, उलटी आना, शरीर के भागो में दर्द रहना, वजन बढ़ना, चक्कर आना, स्वभाव में परिवर्तन आना, नींद आना, जल्दी थकावट का अनुभव होना, गंध से एलर्जी होने, यह सब सामान्य होता है।
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लेकिन यदि आपको कोई भी परेशानी बहुत अधिक होने लगें, जैसे की रक्तस्त्राव का होना, पेट में अधिक दर्द का अनुभव होना, तो इन्हे अनदेखा न करते हुए आपको समय रहते अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि कई बार पेट में अधिक दर्द या रक्तस्त्राव गर्भपात का कारण भी बन सकता है, लेकिन महिला इन सब परेशानियों को बिलकुल भूल जाती है जब वो नन्ही सी जान आपके हाथो में आती है, इसके अलावा जैसे ही आपकी डिलीवरी होती है उसके बाद आपको इन सब जटिलताओं से निजात पाने में भी मदद मिलती है, तो आइये अब विस्तार से आपको बताते है प्रेगनेंसी में क्या होना सामान्य बात होती है।
मुँह के स्वाद में फ़र्क़ आना:-
प्रेगनेंसी के दौरान महिला के मुँह का स्वाद कड़वा और कसैला हो जाता है, कई महिलाओ को ऐसा शुरूआती दिनों में ही होता है, और इसके कारण उन्हें कुछ खाने का मन नहीं करता है, लेकिन खट्टी चीजों का सेवन महिलाएं खूब शौक से करती हैं।
उलटी आना:-
शरीर में होने वाले बदलाव और मुँह का स्वाद अजीब होने के कारण महिलाओ को उलटी होना आम बात होती है, खासकर सुबह के समय अधिकतर महिलाएं परेशान होती है, इसके अलावा कई महिलाओ को शुरूआती दिनों में तो कई महिलाएं पूरे नौ महीने तक इस समस्या से परेशान रहती है।
सर दर्द व् चक्कर आना:-
शरीर में तेजी से हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओ का सर भारी रहता है, जिसके कारण कई बार सर दर्द के साथ चक्कर जैसी समस्या के कारण भी आपको परेशान होना पड़ता है, लेकिन ये यदि अधिक हो तो इस बारे में आपको घर पर पड़ी पेन किलर का सेवन नहीं करना चाहिए बल्कि आप चाहे तो एक बार इस बारे में डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
गंध से एलर्जी होना:-
इस समय पर महिलाओ को कई चीजों की स्मेल से भी एलर्जी होती है, कई महिलाएं तो सब्ज़ी की गंध को तो कई रोटी की महक को भी बर्दाश नहीं कर पाती है, और ऐसा शुरूआती दिनों में अधिक, समय के साथ धीरे धीरे ये समस्या ठीक होने लगती है।
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ब्लीडिंग या स्पॉटिंग होना:-
प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने में कई महिलाओ को स्पॉटिंग की समस्या हो जाती है, इस दौरान महिला को जितना हो सकें आराम करना चाहिए इसके अलावा महिला को यदि मासिक धरम के दौरान होने वाला दर्द या अधिक ब्लीडिंग लगे तो बिना देर किए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, ताकि गर्भपात होने की समस्या का सामना आपको न करना पड़े।
सेक्स के प्रति अरुचि उत्त्पन्न होना:-
महिला के गर्भवती होने के दौरान महिला के शरीर में इंटरनल बदलाव के साथ ही उसका वजन भी बढ़ने लगता है, इसके कारण महिला बहुत परेशान रहती है, जिससे उसका सेक्स करने का मन भी नहीं करता है,और ऐसे समय पर सेक्स करते समय सावधानी व् डॉक्टर से राय लेनी भी बहुत जरुरी होती है।
स्वभाव में परिवर्तन आना:-
प्रेगनेंसी के कारण शरीर में हो रहे बदलाव के कारण महिलाओ को कई बाद चिड़चिड़ापन और गुस्सा भी आने लगता है, कई बार महिलाएं मानसिक रूप से भी परेशान होने लगती है, और उन्हें तनाव भी होने लगता है, परन्तु ऐसे में महिला को जितना हो सकें खुश रहना चाहिए ताकि उसके बच्चे को स्वस्थ रहने में मदद मिल सकें।
वजन बढ़ने लगता है:-
जैसे जैसे प्रेगनेंसी के दिन आगे बढ़ने लगते है वैसे वैसे गर्भ में शिशु का विकास भी तेजी से होने लगता है, जिसके कारण उसका वजन भी बढ़ने लगता है, यह हर महिला के साथ होता है, परन्तु शुरूआती तीन महीनो में कई बार आपका वजन थोड़ा कम भी हो सकता है, उसके बाद निरंतर आपका वजन बढ़ता रहता है।
अधिक पेशाब आने की समस्या हो जाती है:-
प्रेगनेंसी के दौरान कई महिलाओ को अधिक पेशाब आने की समस्या भी हो जाती है, क्योंकि इस दौरान आपकी किडनी दुगुना काम करना शुरू कर देती है, साथ ही प्रेगनेंसी में कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन नामक हॉर्मोन शरीर में बनता है जो की पेल्विक भाग में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है, जिसके कारण आपको ये समस्या हो सकती है।
त्वचा में फ़र्क़ आना:-
इस दौरान महिला की त्वचा में भी फ़र्क़ आता है, कई महिलाओ का प्रेगनेंसी में रूप निखार जाता है, तो कुछ महिलाएं आँखों के नीचे डार्क सर्कल, त्वचा पर दाग धब्बे, और रूखी स्किन के कारण भी परेशान हो जाती है।
थकान की समस्या हो जाती है:-
प्रेगनेंसी के समय हर महिला को थकान का अनुभव होना बहुत ही आम बात होती है, क्योंकि इस दौरान शरीर में रक्त बनने की वृद्धि तेजी से होने लगती है, ताकि गर्भ में पल रहे शिशु तक सभी पोषक तत्वों को भरपूर मात्रा में पहुंचाया जा सकें, और इसी तेजी से हो रहें परिवर्तन के कारण महिला को बहुत अधिक थकान का अनुभव होता है।
तो ये कुछ परेशानियां है जो महिलाओ को प्रेगनेंसी के समय उठानी पड़ती है, लेकिन उस नन्ही सी जान के आते ही आपकी जिंदगी में आने वाले नए बदलाव से आपको उनका अहसास भी नहीं होता है, इसके अलावा आपको इस दौरान अपनी डॉक्टर से अच्छे से नियमित जांच भी करवाते रहना चाहिए ताकि कोई समस्या हो तो उसका समाधान किया जाएँ साथ ही माँ और गर्भ में पाक रहे शिशु को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकें।