हिन्दू धर्म में हर चीज का बेहद खास महत्व होता है इसीलिए यहाँ शगुन-अपशगुन का भी बेहद खास ख्याल रखा जाता है। विशेषकर शादी विवाह जैसे समारोह में। शादी जिंदगी का वो हिस्सा होता है जो सभी के जीवन में आता है। किसी की देर से तो किसी की जल्दी शादी तो हो ही जाती है। लेकिन शादी के बाद लड़के और लड़कियों के जीवन में बहुत से बदलाव आ जाते है जिन्हे समझना हर किसी के लिए संभव नहीं।
जहां एक तरफ लड़के के जीवन में अब एक नयी सदस्य का आगमन हो चुका है वहीं दूसरी ओर लड़की भी अपना घर परिवार छोड़कर एक अनजान और नए घर में हमेशा के लिए रहने आती है। लेकिन इन सबके अलावा भी कुछ बदलाव है तो केवल शादी के बाद ही आते है।
इन्ही कुछ बदलावों में से एक है लड़कियों का हाथों में चूड़े पहनना, पैरों में बिछिया पहनना और मांग में सिंदूर लगाना और विशेषकर मंगलसूत्र पहनना। हिन्दू धर्म में शादीशुदा महिलाओं का मंगल सूत्र पहनना अनिवार्य माना जाता है। क्योंकि इसे पति की दीर्घायु और स्वस्थ जीवन से जोड़ा जाता है।
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भारत में माना जाता है की शादी के बाद लड़कियों को मंगलसूत्र पहनना चाहिए क्योंकि सुहागन होने की निशानी के साथ-साथ ये एक भारतीय परंपरा भी है। कहने को शादी के बाद महिलाएं कितने ही आभूषण क्यों न पहन लें लेकिन जब तक उनके साथ मंगलसूत्र नहीं आता उन गहनों को पहनने का कोई लाभ नहीं होता।
परन्तु आजकल मंगलसूत्र को मात्र फैशन की एक वस्तु माना जाता है क्योंकि अधिकतर महिलाओं को इसके महत्व के बारे में पता ही नहीं होता। इसीलिए आज हम आपको शादी के बाद मंगलसूत्र पहनने के कारण और महत्व बताने जा रहे है।
शादी के बाद मंगलसूत्र क्यों पहनते है?
1. भारत के अलग-अलग राज्यों में मंगलसूत्र को अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। लेकिन सभी के पीछे की भावना समान होती है। मंगलसूत्र को पति के प्रति प्रेम और आदर का प्रतीक माना जाता है। ये भी मान्यता है की इसे पहनने से पति पर आने वाली विपत्तियां टल जाती है।
2. मंगलसूत्र का निर्माण सोने और काले मोतियों से किया जाता है। और हिन्दू धर्म में इसे शिव पार्वती के रूप में देखा जाता है। अर्थात सोना माँ पार्वती और काले मोती भगवान् शिव। इसके अलावा सोना शरीर में ऊर्जा का प्रवाह भी करता है जबकि उसमे पड़े काले मोती रिश्ते को बुरी नज़र से बचाते है।
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3. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोना गुरु के प्रभाव में होता है और गुरु वैवाहिक जीवन में खुशहाली, ज्ञान और संपत्ति का कारक माना जाता है। इसके अलावा यह धर्म का कारक भी है। जबकि इसमें पड़े काले मोती शनि को दर्शाते है। मान्यता है शनि स्थायित्व और निष्ठा का प्रतीक होता है। और क्योंकि मंगलसूत्र में शनि और गुरु दोनों के प्रभाव होते है तो इसे धारण करने से वैवाहिक जीवन में सुख और शांति बनी रहती है।
4. मंगल सूत्र के विवाह के दौरान पति द्वारा ही पहनाया जाता है। जिसे महिला केवल अपने पति की मृत्यु के बाद ही उतारती है। लेकिन आजकल तो अपने स्टैण्डर्ड से मैच न करने पर भी महिलाएं मंगलसूत्र निकाल देती है।
5. किसी भी परिस्थिति में सुहागन को अपने मंगलसूत्र की रक्षा करनी चाहिए। क्योंकि इसका खोना या टूटना बहुत बड़ा अपशगुन माना जाता है।